shahnawaj


सड़कों पर पली जिंदगियाँ और उनके सपने

बाल मजदूरी
बाल मजदूरी में लगे बच्चों की जिंदगी को संवारने के कई कोशिशें हो रही हैं लेकिन सब जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचना आसान नहीं है.
भारत में बाल श्रम गैरकानूनी है और बच्चों से काम कराने वालों को कड़ी सजा का प्रावधान है.
इसके बावजूद बाल मजदूरी आम है. चार दीवारियों से घिरीं फैक्ट्रियों में ही नहीं, बल्कि खुले आम चल रहे ढाबे और चाय की दुकानों पर अकसर काम करते हुए बच्चे मिल जाते हैं.
ऐसे ही दो बच्चों ने नाम न छापने के आग्रह के साथ अपनी कहानी बीबीसी को बताई, जो इस वक्त दिल्ली में एक गैर सरकारी संगठन 'सलाम बालक ट्रस्ट' के बाल गृह में रहते हैं. उनकी अब तक की जिंदगी कई मुश्किलों से घिरी रही है लेकिन उनमें आगे कुछ करने का जज्बा भी है.

अपनों के होते हुए भी बेसहारा जिंदगी

मैं बागपत का रहना वाला हूं और मेरी उम्र अब 13 साल है. मैं बहुत छोटा था, तभी मेरे माता-पिता की मौत हो गई. हम रिश्तेदारों के होते हुए अनाथ हो गए. इसलिए होटल पर काम करना पड़ा. वहां प्लेट धोने का काम था. लेकिन जरा सी गलती हो जाए, तो बहुत मारा पीटा जाता था.
एक दिन मुझे डंडे से पीटा गया और मुझे बहुत चोट आई. इसलिए वहां से भागना पड़ा. फिर एक ट्रक वाला मुझे अपने पास ले गया. कुछ दिन उसने मुझे रखा, लेकिन एक दिन किसी बात पर नाराज होकर मुझे वहां से निकाल दिया.
ऐसा नहीं है कि हमारे घर पर रिश्तेदार नहीं हैं, लेकिन कोई हमारी जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता. हमारे चाचा थे लेकिन उन्हें शराब की लत थी. और हमारे साथ खूब मारपीट होती थी. सड़कों पर काफी समय यूं ही घूमते फिरते मैं और मेरा भाई, दोनों एक सेंटर में पहुंचे.
बाल मजदूरी विकासशील देशों में एक अहम समस्या है.
वहां कुछ दिन रहने के बाद हमें वापस अपने घर भेजा गया लेकिन फिर वही मारपीट होने लगी. इसलिए वापस सेंटर में आ गए. अब यही सेंटर हमारी जिंदगी और हमारा परिवार है. घर की कमी नहीं खलती.
जिंदगी मुश्किल है. मेरे भाई के अलावा मेरी एक बहन भी है. उसकी शादी हो गई. एक बार हम उससे मिले, उसने पूछा कि कहां रहते. मैंने उसे पूरा पता दिया लेकिन आज तक वो कभी हमसे नहीं मिलने आई.
इस सेंटर में हमें पढ़ाया जाता है और प्यार से रखा जाता है. अब मैं पढ़ाई करता हूं. सातवीं कक्षा में पढ़ता हूं. आगे चल कर मैं या तो ऐक्टर बनना चाहता हूं या फिर क्रिकेटर.
एक्टिंग में मुझे मारधाड़ बहुत पसंद है और अक्षय कुमार मेरे फेवरिट हीरो हैं. उनकी हाउसफुट 2 फिल्म मैंने देखी, बहुत अच्छी लगी. मैं भी ऐसा ही ऐक्टर बनना चाहता हूं. मैं यहां अपने सेंटर में थिएटर में हिस्सा लेता हूं.

नेपाल से दिल्ली तक का सफर

मेरी उम्र नौ साल है और मैं नेपाल का रहने वाला हूं. मेरी मां मुझे कोठी पर काम करवाने के लिए लुधियाना लेकर आई. मैं पांच छह महीने एक कोठी पर काम किया. फिर वहां से भाग गया और जब दोबारा घर पहुंचा तो मेरी मां ने पूछा कि क्यों भाग गया.
जिनके यहां मैं काम करता था, उन्होंने भी कहा कि इसके पैसे ले लो और हम इससे काम नहीं कराएंगे. इसके बाद मेरी मां ने मुझे दूसरी कोठी पर काम पर लगाया. वहां से भी मैं भाग गया लेकिन वहां से घर आने का रास्ता मुझे पता नहीं था.
घरों में बच्चों से अकसर कई तरह के काम लिए जाते हैं और उनके साथ वहां मारपीट भी होती है.
फिर मुझे एक बाबा ने पकड़ लिया. और वो मुझे दिल्ली लेकर आ गया. यहां लाकर उसने मुझे बोतल और कबाडा़ चुगने के काम लगा दिया. रोज मुझसे ये काम कराया जाता था. बस वो खाना खिलाते थे.
लेकिन मुझे वो काम बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था. उसने मुझसे कहा कि तू मुझे अपना पापा समझ और कोई पूछो तो कह देना कि मेरा पापा है. मैंने कई बार वहां से भागने की कोशिश की लेकिन पकड़ा जाता था.
फिर मैंने कबाड़ा खरीदने वाले को बताया कि ये बाबा मेरा पापा नहीं है और मुझे लुधियाना से पकड़ कर लाया हैं. ये सुनकर उन्होंने बाबा को बुलाया और खूब डांटा. और मुझे कबाड़ी अंकल ने चाइल्ड लाइन वाले के पास भेजा. वहां से मुझे यहां सेंटर पर लाया गया और अब मुझे यहां अच्छा लगता है.
अभी मैं यहां चौथी कक्षा में पढ़ता हूं. डांस करना और कराटे मुझे पसंद है. खेलों में मुझे फुटबॉल बहुत पसंद है. आगे चल कर या तो डांसर बनूंगा या फिर फुटबॉलर बनूंगा. लेकिन उसमें अभी बहुत समय पड़ा है. अभी कुछ नहीं कह सकता कि क्या बनूंगा.

syed


अधिक उम्र में पिता बनना बच्चे के लिए अच्छा

पिता का जेनेटिक कोड उसके स्पर्म के माध्यम से उसकी संतानों में जाता है
देर से पिता बनना बच्चों के लिए अच्छा हो सकता है और उनका जीवन लंबा हो सकता है.
अमरीकी वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे बच्चे, जिनके पिता और दादा की उम्र अधिक होती हो, उनकी जेनेटिक बनावट ऐसी होती है जिससे उनकी आयु अधिक रह सके.
उनके अनुसार किसी व्यक्ति के स्पर्म या वीर्य की जेनेटिक बनावट उम्र के साथ बदलती है और उसका डीएनए कोड ऐसा बन जाता है जिससे उम्र बढ़ती है और ये जेनेटिक कोड वो अपने बच्चों को देता जाता है.
वैज्ञानिकों को इस बात का पता 1,779 लोगों से जुटाए आँकड़ों का परीक्षण करने से चला.
इस अध्ययन के नतीजे अमरीकी संस्था नेशनल एकैडमी ऑफ़ साइंसेज़ के जर्नल पीएनएएस में प्रकाशित किए गए हैं.
वैज्ञानिक ये जानते हैं कि उम्र का संबंध टेलोमेयर जैसी आकृतियों की लंबाई से होता है जो कि हमारे जेनेटिक कोड या डीएनए को रखनेवाले गुणसूत्रों के सिरे पर स्थित होते हैं.
आम तौर पर ये समझा जाता है कि टेलोमेयर छोटा होगा तो उम्र भी छोटी होगी.

लंबाई

"पिता और उसके पूर्वजों के पिता बनने में देरी से, उनकी संतानों में लंबे टेलोमेयर जा सकेंगे जिससे कि उम्र बढ़ सकेगी क्योंकि लोग अधिक उम्र में पिता बनने की सामर्थ्य रख सकेंगे"
अमरीकी शोधपत्र
जूते के फीतों के सिरों पर लगे प्लास्टिक कवर की तरह दिखनेवाले टेलोमेयर क्रोमोसोम या गुणसूत्रों को नुकसान होने से बचाते हैं.
अधिकतर कोशिकाओं में इनकी लंबाई उम्र बढ़ने के साथ-साथ घटती जाती है.
मगर वैज्ञानिकों ने ये पाया है कि स्पर्म में टेलोमेयर की लंबाई उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती है.
फिर चूँकि पुरूष अपना डीएनए स्पर्म के ही माध्यम से अपने बच्चों को देते हैं इसलिए अगली पीढ़ी में ये लंबे टेलोमेयर आनुवंशिक गुणों की तरह जा ग्रहण किए जा सकते हैं.
अमरीका की नॉर्थवेस्टर्न युनिवर्सिटी के ऐन्थ्रोपोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉक्टर डैन आइज़नबर्ग और उनके सहयोगियों ने टेलोमेयर के बारे में ये अध्ययन फ़िलीपींस में रहनेवाले युवाओं के एक समूह में किया.
उन्होंने रक्त के नमूनों की जाँच में पाया कि ऐसे युवाओं के शरीर में टेलोमेयर लंबे थे जिनके जन्म के समय उनके पिता की उम्र ज्यादा थी.
टेलोमेयर की लंबाई ऐसे युवाओं में और अधिक पाई गई जिनके दादा की उम्र भी पिता बनने के समय अधिक थी.

लाभकारी

वैसे तो पिता बनने में देरी करने से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है, मगर वैज्ञानिकों का मानना है कि स्वास्थ्य की दृष्टि से इसके दीर्घकालिक लाभ हो सकते हैं.
वैज्ञानिकों को लगता है कि लंबे टेलोमेयरों को आनुवंशिक रूप से ग्रहण करना ख़ास तौर पर ऊतकों और ऐसी जैविक क्रियाओं के लिए लाभकारी हो सकता है जिसमें कोशिकाएँ तेज़ी से बढ़ती और बदलती हैं जैसे कि प्रतिरोधी व्यवस्था आदि.
उनके अनुसार इस बात का आम लोगों के स्वास्थ्य पर अच्छा-खासा असर पड़ सकता है.
शोध में लिखा गया है,"पिता और उसके पूर्वजों के पिता बनने में देरी से, उनकी संतानों में लंबे टेलोमेयर जा सकेंगे जिससे कि उम्र बढ़ सकेगी क्योंकि लोग अधिक उम्र में पिता बनने की सामर्थ्य रख सकेंगे."
न्यूकास युनिवर्सिटी में कोशिका विज्ञान के विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर टॉमस वॉन ज़गलिनिस्की कहते हैं कि इस दिशा में और शोध ज़रूरी है.
उनका कहना है कि अभी कई बातें स्पष्ट नहीं हैं, जैसे ये कि क्या जन्म के समय टेलोमेयर की लंबाई और उम्र के साथ उसके घटने की बात, उम्र के कारण शरीर पर पड़नेवाले दूसरे प्रभावों से अधिक महत्वपूर्ण है

Nokia Trick


Trick Nokia

To check the IMEI (International Mobile Equipment Identity) Type-
*#06#
Information you get from the IMEI-
XXXXXX  XX  XXXXXX  X
    TAC      FAC     SNR      SP

TAC = Type approval code
FAC = Final assembly code
SNR = Serial number
SP    = Spare

To check the phones Software revision type-
*#0000#
Information you get from the Software revision-
V 05.31
18-02-99
NSE-3
1ST Line  = Software revision
2ND Line = The date of the software release
3RD Line = Phone type

To enter the service menu type-
*#92702689# (*#WAR0ANTY#)
Serial number (IMEI)
Production date (MM/YY)
Purchase date (MM/YY) You can only enter the date once.
Date of last repair (0000=No repair)
Transfer user data to another Nokia phone via Infra-Red
Clock Stopping

To check weather your SIM Card supports clock stopping type-
*#746025625# (*#SIM0CLOCK#)

Revealing the Headphone and Car-Kit menus
Please note that if you do these next tricks, the new menus can't be erased without retoring the factory default settings. To do these tricks you need to short-circuit the pins on the bottom of the phone next to where you plug in you charger.

1. To activate the "Headset" menu, you need to short-circuit pins "3" and "4". After a short time the word "Headset" will be shown in the display. Menu 3-6 is now enabled.
2. To activate the "Car" menu, you need to short-circuit pins "4" and "5". After a short time the word "Car" will be shown in the display. Menu 3-7 is now enabled.

THE REBOOT TRICK
This should work on all software versions of the 6110.
1. Go to the Calendar (Menu-8)
2. Make a note or reminder.
3. Enter some text into the edit box.
4. Hold "Clear" until the whole text is cleared, then press "Back".
5. Press "0". The main screen will now be showing but a space appears on the screen. (you can't see it)
6. Enter 4 digits (e.g. 1234).
7. Use the down arrow to move the cursor to the left side of the numbers and the space (Down arrow twice).
8. Now enter 6 digits and press the call button.

Wait for a few seconds, the screen should start to flash and reboots. It should alsowork on other menus like the "Profiles" menu.

EFR CALL QUALITY
To activate EFR (Enhanced Full Rate) Enter the code-
*3370#
This improves call quality but decreases batterylife by about 5%
To deactivate it, Enter the code-
#3370#

THE JAMES BOND TRICK
If you short-circuit theleft middle and right pins on the bottom of the phone with all connections touching each other, the Nokia software hangs! The profile "Headset" will be activated. Before you do this just activate the "Automatic Answer" in the headset profile and set the ringing volume to "Mute". Now you can use your phone for checking out what people are talking about in a room. Just place it under a table in a room and call it. The phone receives the call without ringing and you can listen to what people are saying.

NETWORK MONITOR
There is a hidden menu inside your Nokia phone. If you want to activate it, you'll have to re-program some chips inside of your phone.
Check your software version. You can only continue if you have v4.33, v4.73 or v5.24.
Take apart the phone.
De-solder the EEPROM (ATMEL AT 24C64).
Read out the data with an EEPROM programmer and save it to a file (Backup).
If you have v.33 or v4.73, change the address "03B8" from "00" to "FF".
If you have v5.24 then change the address "0378" from "00" to "FF".
Write the new data to the EEPROM and solder it back to the phone,
Power on your phone and you should have "Netmonitor" enabled.
The Network Monitor gives you the following information.

Carrier number
MS RX Level in DBM
Received signal quality
MS TX power level
C1 (Path loss criterion, used for cell selection and reselection). The range is -99 to 99.
RTL (Radio link timeout).
Timeslot
Indication of the transmitter status
Information on the Network parameters.
TMSI (Temporary Mobile Subscriber Identity).
Cell identification (Cell ID, Number of cells being used).
MCC (Mobile country code)
MCN (Mobile network code)
LAC (Location area code)
Ciphering (On/Off)
Hopping (On/Off)
DTX (On/Off)
Discard cell barred information

CHECK SIM-LOCK
Note - If you bought your Nokia on UK Vodafone or UK Cellnet you do not need to check this because they both transmit on GSM900, and they don't lock the phones. However if you bought your phone on UK Orange or UK One2one your phone may be blocked. The reason is that they both transmitt on GSM1800. To make a call on GSM1800 you need what is known as a "Dual band" phone. A dual band phone is able to transmit on both GSM900 and GSM1800, so they lock the phones so you can't use it with any other network simcard. If you find that your phone is locked you can try different software to unlock it. (we havn't found one that works yet), or you can ask your service provider who will gladly exchange the 10 digit code for about £35.
This is how to check the status of the 4 different locks. Aslo don't try entering the wrong number, because after 3 times it will block the phone for good.

There are 4 different locks on your Nokia phone.
COUNTRY-LOCK
NETWORK-LOCK
PROVIDER-LOCK
SIMCARD-LOCK
The code to read out the sim-lock status of your phone is

#PW+(MASTERCODE)+(Y)#
# = DOUBLE-CROSS
W = PRESS "*" THREE TIMES
P = PRESS "*" FOUR TIMES
+ = PRESS "*" TWO TIMES
MASTERCODE = 1234567890
Y = NUMBER 1 TO 4
The master code is a secret code. The code has 10 digits, To read out the sim-lock status you can enter every combination you want!
"Y" Shows the status of the network-lock. Here you can enter a number from "1" to "4". The "4" is for the sim-card lock.

SIM-LOCK CHECKS
#PW+1234567890+1# = GIVES PROVIDER-LOCK STATUS
#PW+1234567890+2# = GIVES NETWORK-LOCK STATUS
#PW+1234567890+3# = GIVES COUNTRY-LOCK STATUS
#PW+1234567890+4# = GIVES SIM-CARD-LOCK STATUS.


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मोबाइल फोन के जरिए साफ पानी?

अफ्रीका
अफ्रीका में रहने वाले करोड़ों लोग पीने के पानी के लिए हैंडपंपों पर निर्भर है.
अफ्रीका के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को मोबाइल फोन तकनीक की बदौलत अब साफ पीने का पानी उपलब्ध हो सकेगा.
ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा डेटा ट्रांसमीटर बनाया है जो हैंडपंप के भीतर लगाया जा सकता है.
ये ट्रासमीटर हैंडपंप यानी कि चापाकल के खराब होने पर तुरंत एसएमएस भेजेगा.
इन ट्रांसमीटरों से युक्त ‘स्मार्ट’ हैंडपंपों को कीनिया के 70 गांवों में परिक्षण के तौर पर लगाया जाएगा.
इस परियोजना से जुड़ी जानकारी ‘जर्नल ऑफ हाइड्रोइंफोर्मेटिक्स’ नाम की एक पत्रिका में छापी गई है.

हैंडपंप पर निर्भर

अफ्रीका में रहने वाले करोड़ों लोग पीने के पानी के लिए हैंडपंप पर निर्भर है. लेकिन माना जाता है कि इन हैंडपंपों में से एक-तिहाई हमेशा खराब रहते है.
दूर-दराज के क्षेत्रों में लगे हैंडपंप की मरम्मत में कभी-कभी एक महीने तक का समय लग सकता है.
अफ्रीका में पिछले कुछ सालों में कोई खास बदलाव आया है तो वो है मोबाइल फोन तकनीक का विकास.
माना जाता है कि अफ्रीका के उप सहारा के रेगिस्तानी इलाके में जितने लोगों के पास मोबाइल है उतने लोगों के पास पीने के साफ पानी का स्रोत भी नहीं है.

गति ही अहम है

अफ्रीका
अफ्रीका के कई देशों में पानी की उपलब्धता की समस्या है.
इसलिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने हैंडपंपों के बेहतर प्रबंध के लिए मोबाइल फोन तकनीक का प्रयोग किया.
शोधकर्ताओं ने ट्रांसमीटर को हैंडपंप के हैंडल में लगाकर इसका परीक्षण किया. शोध दल के सदस्य पैट्रिक थॉमसन ने बताया कि ये गति आंककर खामी का पता लगाता है.
उन्होंने बीबीसी को बताया, “ये हैंडल की गति को भांप लेता है जिससे हैंडपंप में पानी के बहाव को माप लिया जाता है.”
थॉमसन ने कहा, “इस तकनीक के जरिए केंद्रीय कार्यालय को हैंडपंपों की स्थिति के बारे में जानकारी मिलती रहेगी और उनके खराब होने पर मकैनिक तुरंत भेजे जा सकेंगे.”
शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि कीनिया में हो रहे परीक्षण से जो जानकारी मिलेगी उससे इस तकनीक की उपयोगिता के बारे में पता चल जाए.
इस तकनीक के और फायदे भी हैं. इसके जरिए वैज्ञानिक ये पता लगा पाएंगे कि पूरे महाद्वीप में कितने पानी का प्रयोग किया जाता है

fast news


शादी में नाचने वाली दो पाकिस्तानी महिलाएँ ‘जिंदा

पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता का कहना है कि शादी के दौरान जिन पांच महिलाओं के कथित ‘मौत’ की बात कही जा रही थी, वो जिंदा हैं.
मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉक्टर फरजाना बारी ने बीबीसी से बातचीत में कहा है कि वो पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ उन दो महिलाओं से मिली थी.
पहले बताया जा रहा था कि खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में कोहिस्तान जिले में शादी समारोह में नाच के दौरान तालियां बजानेवाली पांच महिलाओं को कबायली परिषद ने ‘मौत’ की सजा दे दी थी.
मानवाधिकार कार्यकर्ता के साथ गई टीम बांकी तीन महिलाओं से नहीं मिल सकी. हालांकि उन्होंने बीबीसी को बताया कि वहां के बड़े-बुजुर्गों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे महिलाएं भी जिंदा हैं.

अभी भी खतरा

"उस क्षेत्र में लोगों द्वारा कानून को अपने हाथ में लेने की बहुत ही पुरानी परंपरा है, इसलिए अधिकारियों को चाहिए कि वे उन महिलाओं के उपर नजर रखे. ऐसी परिस्थिति में हम निश्चिंत होकर नहीं बैठ सकते"
मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉक्टर फरजाना बारी
पथरीले और पहाड़ी रास्ते से कई घंटे की चढ़ाई चढ़ने के बाद वहां पहुंची फरजाना बारी ने बीबीसी को बताया, “अगर दो महिलाएं जिंदा हैं तो मुझे भरोसा है कि बांकी तीनों भी जिंदा ही होगीं.”
फरजाना बारी ने बताया कि वो तीनों महिलाएं कहीं इससे भी ज्यादा पथरीले जगह पर रहती हैं, जहां पहुंचना और भी मुश्किल था.
फरजाना ने बताया, “मुझे नहीं लगता है कि कबायली परिषद ने उन महिलाओं के खिलाफ मौत का फरमान जारी किया है. लेकिन मुझे अब आशंका हो रही है कि उन महिलाओं के उपर जान का खतरा बढ़ गया है, क्योंकि वह वीडियो सब जगह पहुंच गया है.”
फरजाना बारी ने कहा, “उस क्षेत्र में लोगों द्वारा कानून को अपने हाथ में लेने की बहुत ही पुरानी परंपरा है, इसलिए अधिकारियों को चाहिए कि वे उन महिलाओं के उपर नजर रखे. ऐसी परिस्थिति में हम निश्चिंत होकर नहीं बैठ सकते.”
पाकिस्तान के मुख्य न्यायधीश जस्टिस इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी ने अटर्नी जनरल इरफान कादिर को आदेश दिया था कि बुधवार को वहां जाएं और इस घटना की विस्तृत जानकारी हासिल करके अदालत में पेश करे.
इस वीडियो को दो महीना पहले रिलीज किया गया था. जहां वह घटना घटी थी, वहां नजदीक के हाईवे से पैदल जाने में कम से कम दो दिन का समय लगता है. सिर्फ हेलीकॉप्टर से ही वहां जल्दी पहुंचा जा सकता है

BCCI


शर्म करो बीसीसीआई.....

भारतीय क्रिकेट
टीवी के लोकप्रिय शो कौन बनेगा करोड़पति में एक प्रतियोगी ने भारतीय क्रिकेटरों का ज़िक्र करते हुए एक कड़वी किंतु कई बार दोहराई जा चुकी बात कही. उन्होंने कहा- खिलाड़ी पैसे के लिए खेलते हैं और उनकी सेटिंग होती है.
भारतीय क्रिकेटरों के लिए ये कोई नई बात नहीं है. लेकिन ये धारणा आम होती जा रही है, ये चिंता का विषय है. खिलाड़ी पैसे के लिए खेल रहे हैं, देश के लिए नहीं और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को भी पैसे का ही दंभ है- ये बात आलोचक कह-कह कर थक गए हैं.
लेकिन नित नए घटनाक्रम इन आलोचनाओं की गंभीरता बढ़ा रहे हैं. क्लब क्रिकेट के लिए अपने शरीर की परवाह न करना और फिर टेस्ट और वनडे में एक के बाद एक खिलाड़ियों का घायल होना और मैचों से अलग होना- गंभीर सवाल उठा रहा है.
फिर भी अगर सबसे ज़्यादा ग़ैर ज़िम्मेदार और बिना किसी रणनीति के क़दम बढ़ाने का ठीकरा किसी के सिर फोड़ा जाना चाहिए, तो वो है भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड.
बीसीसीआई की नाक इतनी ऊँची है कि उसे आरटीआई में आना मंज़ूर नहीं. खेल मंत्री की बात उसे सनक लगती है और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद को वो ठेंगे पर रखता है.
पिछले दिनों आईसीसी पुरस्कार समारोह लंदन में आयोजित हुए. भारतीय टीम नहीं गई. सवाल उठने स्वाभाविक थे, क्योंकि भारतीय टीम इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सिरीज़ खेल रही है और वो उस दिन लंदन में ही थी.

सवाल

तो क्यों नहीं आई भारतीय टीम. सवाल बड़ा है और जवाब घूम-फिर कर ऐसे दिग्भ्रमित करने वाले हैं कि पता नहीं चल रहा कि ये सिर्फ़ निमंत्रण देर से पहुँचने का मामला है या वर्चस्व की लड़ाई है या फिर शरद पवार और बीसीसीआई में बढ़ती दूरियाँ वजह हैं.
बीसीसीआई
बीसीसीआई सवालों के जवाब से मुकर रही है
मीडिया में तरह-तरह की बातें चल रही हैं. मसलन बीसीसीआई ने खिलाड़ियों को पुरस्कार समारोह में जाने से मना किया, तो शरद पवार और बीसीसीआई की जंग खुलकर सामने आ गई है या फिर आईसीसी से नाराज़ है बीसीसीआई.
वजह जो भी हो, लेकिन एक बात तो तय है कि बीसीसीआई की जानकारी के बिना ऐसा हो नहीं सकता था. आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हारून लॉरगेट कह रहे हैं कि ये शर्मनाक घटना है, तो बोर्ड के अधिकारी मीडिया से कह रहे हैं कि लॉरगेट को जो कहना है, कहते रहें.
आईसीसी के पुरस्कार काफ़ी प्रतिष्ठित हैं और भारतीय खिलाड़ी बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा लेते रहे हैं. ज़्यादातर मौक़ों पर ये पुरस्कार ऐसे समय और उस शहर में हुए हैं, जहाँ भारतीय टीम पहले से मैच खेल रही होती है.
तो ऐसा क्या आन पड़ा कि भारतीय खिलाड़ियों ने पुरस्कार समारोह का एक तरह से बहिष्कार कर दिया. ज़्यादा नहीं थोड़ा दिमाग़ लगाने पर ही ये अंदाज़ा हो जाता है कि इसके पीछे बीसीसीआई को छोड़ कोई नहीं हो सकता.
अगर आईसीसी पर दबाव बनाने या फिर क्रिकेट की दुनिया में वर्चस्व स्थापित करने का यही हथियार बोर्ड के पास बचा है, तो सिर्फ़ इतना ही कहा जा सकता है- शर्म करो बीसीसीआई

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प्यार के जुनून में किए 65,000 फोन-कॉ

एक साल में अपने मित्र को हर दिन 178 बार फोन किया यानि लगभग 7 फोन-कॉल हर घंटे.
नीदरलैंड की एक महिला ने अपने प्रेमी के प्यार के जुनून में एक साल के भीतर उसे 65,000 बार फोन किया.
इस महिला पर प्रेमी का पीछा करने और उसे परेशान करने को लेकर कार्रवाई की जा रही है और ज़ाहिर है वो इससे खुश नहीं.
मामला रॉटरडैम शहर का है जहां एक व्यक्ति ने लगातार मिल रहे फोन, ईमेल और मोबाइल संदेशों से परेशान होकर पुलिस से संपर्क किया.
जांच करने पर 42 वर्षीय एक महिला के घर छापा मारा गया जहां से कई मोबाइल फोन बरामद हुए. इन सभी फोन से केवल एक ही नंबर पर फोन किया गया था.
बीबीसी संवाददाता एना हूलीगन के मुताबिक इस महिला पर अपने पुरुष मित्र के इस फोन नंबर पर 65,000 बार फोन करने का आरोप है.

हर दिन 178 बार फोन

इस महिला ने पिछले एक साल में अपने मित्र को हर दिन 178 बार फोन किया यानि लगभग 7 फोन-कॉल हर घंटे.
हालांकि जिस व्यक्ति को यह महिला अपना पुरुष-मित्र बता रही है उनका कहना है कि इस महिला के साथ उनका कोई भावनात्मक या शारीरिक संबंध नहीं.
इस मामले में शुरुआती कार्रवाई के तौर पर महिला को हिरासत में लेकर उन्हें हिदायत दी गई वो इस तरह फोन न करें लेकिन अदालत से बाहर आने के कुछ ही घंटों बाद इस महिला ने फिर उसी नंबर पर फोन करना शुरु कर दिया.
मामला अब फिर अदालत में है और दोनों पक्ष न्याय की उम्मीद कर रहे हैं
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