तैयार है दुनिया की उड़ने वाली पहली कार
सोमवार, 9 अप्रैल, 2012 को 16:08 IST तक के समाचार
एक अमरीकी कंपनी टेराफ़्यूजिया ने न्यूयॉर्क के इंटरनेशनल ऑटो शो में एक ऐसी कार प्रदर्शित की है जो ज़मीन पर चलने के अलावा हवा में उड़ भी सकती है.
टेराफ़्यूजिया के वाइस प्रेसिडेंट क्लिफ़ एलन के अनुसार ये पहली कार है जो फ़ेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफ़एए) और नेशनल हाईवे ट्रैफ़िक सेफ़्टी एडमिनिस्ट्रेशन (एनएचटीएसए) दोनों एजेंसियों की गुणवत्ता ज़रुरतों को पूरा करती है.
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उन्होंने कहा कि इस तरह से ये पहली कार वैध कार बन गई है जो उड़ान भी भर सकती है.
इस वाहन को ट्रांज़िशन के नाम से पुकारा जा रहा है. इसमें चार चक्के हैं, दो लोगों के बैठने की जगह है और इसके पंख मोड़कर बंद किए जा सकते हैं.
उम्मीद की जा रही है कि अगले साल से ये बाज़ार में उपलब्ध हो जाएगी और इसकी क़ीमत दो लाख 79 हज़ार डॉलर यानी एक करोड़ 43 लाख 17 हज़ार 675 रुपए होगी.
परीक्षण उड़ान और चुनौतियाँ
इस कार को फिलहाल एफ़एए से परीक्षण का सर्टिफ़िकेट मिला हुआ है यानी ये कार अमरीका में परीक्षण के लिए उड़ान भर सकती है.
कंपनी को उम्मीद है कि उसे आने वाले समय में हल्के स्पोर्ट्स एयरक्राफ़्ट का लाइसेंस भी मिल जाएगा.
इस हाइब्रिड वाहन ने कनाडा के मॉन्ट्रियल के पास प्लैट्सबर्ग इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पिछले महीने ही परीक्षण उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की थी.
अमरीकी एयरफ़ोर्स के एक टेस्ट पायलट ने इस परीक्षण के लिए अपनी सेवाएँ दी थीं.
परीक्षण के दौरान इस वाहन ने 14 सौ फुट की ऊँचाई पर आठ मिनट तक उड़ान भरी थी.
हालांकि अभी कई विवरण मिलने शेष हैं, जैसे कि ये विमान अधिकतम कितनी गति से उड़ान भर सकता है आदि.
टेराफ़्यूजिया कंपनी के एक इंजीनियर डॉ सैमुअल श्वेगार्ट के अनुसार सड़कों पर चलने वाले एक वाहन को उड़ने वाले वाहन में तब्दील करने में डिज़ाइन की कई चुनौतियाँ थीं.
उन्होंने कहा, "हम ये उत्सुकता के साथ देख रहे थे कि ये उड़ान कैसे भरता है. चूंकि इसे एक सामान्य कार की तरह डिज़ाइन किया गया है, यह किसी विमान की तरह अपने पिछले पहिए के बल पर नहीं चल सकता था."
इंजीनियरों ने ये भी महसूस किया कि इस कमी की वजह से ट्रांज़िशन को उड़ान भरने के लिए सामान्य से अधिक गति की ज़रुरत होती है.
डॉ श्वेगार्ट का कहना है कि ये शिकायतें भी आईं कि उतरते समय भी तगड़ा झटका लगता है, लेकिन ये सब चिंता का विषय नहीं हैं.
ईंधन की खपत
डॉ श्वेगार्ट का कहना है कि इस वाहन में किसी भी साधारण पेट्रोल पंप में ही जाकर 91-ऑक्टेन वाला पेट्रोल डलवाया जा सकता है.
इसके टैंक में 87 लीटर पेट्रोल आ सकता है.
सड़क पर ट्रांज़िशन 14.92 किलोमीटर प्रति लीटर ईंधन खपत करता है जबकि उड़ान भरते हुए ईंधन की खपत 11.89 किलोमीटर प्रति लीटर होती है.
यानी एक बार पेट्रोल टैंक भरने के बाद यह एक हज़ार किलोमीटर से अधिक की यात्रा की जा सकती है.
हालांकि इसे किसी भी साधारण गैरेज में रखा जा सकता है, लेकिन उड़ान भरने के लिए इसे 17 सौ फुट यानी क़रीब आधे किलोमीटर का रनवे चाहिए होता है.
कंपनी का कहना है कि इसमें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि अमरीका में पाँच हज़ार सरकारी एयरपोर्ट हैं और इसके अलावा पाँच हज़ार निजी रनवे भी हैं. निजी रनवे का मतलब ये भी हो सकता है कि वह किसी किसान के खेतों के बीच खुली ज़मीन हो.
टेराफ़्यूजिया का कहना है कि आमतौर पर लोग किसी निजी उड़ान पर आधे घंटे से ज़्यादा दूरी की उडा़न नहीं भरते हैं और ऐसे लोगों के लिए फ़ोरफ़्लाइट जैसे ऐप्स हैं जो निकटतम रनवे और उनकी उपलब्धता के बारे में जानकारियाँ दे सकती हैं.
बाज़ार के बारे में कंपनी का कहना है कि मौजूदा पायलट ही उनके ख़रीददार हो सकते हैं लेकिन वे ऐसे लोगों पर भी नज़र लगाए हुए हैं जिनका संबंध विमानन से नहीं रहा है.
कंपनी के पास सौ के क़रीब अग्रिम ऑर्डर हैं और इसका मतलब है कि मैसाच्युसेट्स के उनकी छोटी फ़ैक्ट्री में इतने वाहन बनाने में दो से तीन वर्ष का समय लगेगा
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